सूर्य ग्रहण दोष शांति पूजा २५ अक्तूबर २०२२ (मंगलवार दोपहर)
By Institute of Vedic Astrology Oct 11 2022
कार्तिक कृष्ण अमावस्या मंगलवार को दोपहर दिनांक २५ अक्तूबर २०२२ को सूर्य ग्रहण स्वाति नक्षत्र तथा तुला राशि पर होगा। जिन लोगों की जन्म पत्रिका में सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण योग हो उसका निवारण इस अवसर पर ही हो सकता है। सूर्य ग्रहण का सूतक मंगलवार सुबह (ब्रह्म मुहूरत) ०४ बजकर २३ मिनट से लग जायेगा। परन्तु बच्चो, वृद्ध और बीमार लोगो को हो सके तो ग्रहण काल से एक प्रहर पूर्व १३ बजकर २३ मिनट से सुतक मानना चाहिए | यदि संभव हो तो सूतक में कुछ भी खाना पीना नहीं चाहिये। इससे पहले भोजन कर लें तथा खाद्य सामग्री व पीने के जल के अंदर कुशा तथा तुलसी पत्र डाल दें। (पूजा घर) के पट बंद कर दे | ग्रहण मोक्ष होने के बाद स्नान करके रसोई तथा पूजा घर की सफाई करे |
सूर्य ग्रहण का स्पर्श इंदौर में सांयकाल ०४ बजकर २३ मिनट पर होगा तथा इसका मोक्ष सायंकाल १८ बजकर ३२ मिनिट पर होगा। इस ग्रहण काल में जाप का अतिविशिष्ट प्रभाव होता है। इस ग्रहण में किये जाने वाले जाप का एक पुरूश्चरण (२४ लाख गुना)फल मिलता है। नदी के किनारे यह करने का बहुत ही शुभ फल होता है किंतु यदि यह संभव न हो तो जाप घर में भी किया जा सकता है।
सूर्य ग्रहण योग वाले लोग लाल चंदन या तुलसी माला (१०८ मनके वाली) तथा चंद्र ग्रहण योग वाले लोगो को मोती या रुद्राक्ष या तुलसी की माला से जाप करें । कुश के आसन पर बैठे | ग्रहण के मोक्ष के तुरंत बाद स्नान करे | स्नान के बाद मंदिर और पूजा घर की सफाई करे | उसके पश्चात शुद्ध भोजन बनाकर ग्रहण करे |
चन्द्रमा का मंत्र – ॐ सोम सोमाय नमः (११००० मंत्र जाप)
सूर्य का मंत्र – ॐ घृणि सूर्याय नमः (७००० मंत्र जाप)
यदि एक व्यक्ति के लिए संभव न हो तो उस व्यक्ति के लिए उनके घर से दो या अधिक लोग या पंडित जी के साथ मिलकर ग्रहण काल में जाप करवा सकते हैं। यदि जाप पंडित जीसे करवा रहे हो तो पंडितजी को आसन, माला ग्रहण का सूतक लगने से पहले देवें। पंडित जी की दक्षिणा भी अगले दिन स्नान करके ही देवें।
कृपया आपके शहर में समय की सटीक जानकारी के लिए आपके शहर का सुबह का समाचार पत्र देखें।
कुंवारों तथा गर्भवती स्त्रियों के लिए ग्रहण अच्छा नहीं होता
चंद्रग्रहण कुंवारों तथा गर्भवती स्त्रियों के लिए अच्छा नहीं होता है । इसे नहीं देखना चाहिए | स्त्रियों को ऐसे कमरे में रहना चाहिए जहाँ ग्रहण की छाया {खिड़की इत्यादि बंद हो} | गर्भवती महिलायें ग्रहण काल में एक नारियल अपने पास रखें जिससे कि वायुमण्डल से निकलने वाली नकारात्मक उर्जा का प्रभाव उन पर नहीं पड़ेगा।
ये ना करें
ग्रहण काल तथा सुrक में निम्न बातो को न करे :-
- कैंची का प्रयोग न करें
- फूलों को न तोड़े
- बालों व कपड़ों को साफ न करें
- दातुन या ब्रश न करें
- गाय, भैंस का दोहन न करें
- भोजन न करें
- कठोर शब्दों का प्रयोग न करें
- स्त्री प्रसंग न करें
- यात्रा न करें
- शयन करना भी ग्रहण काल में वर्जित माना गया है।
Search
Recent Post
-
Exploring planetary conjunctions and yogas in your natal chart: revealing their impact
As we embark deeper into the complex world of Vedi...Read more -
The mysterious world of rashis in vedic astrology
Vedic Astrology Courses offer profound insights in...Read more -
Unveiling the cosmic order: deciphering planetary aspects in the natal chart
Vedic astrology is the ancient Indian art of divin...Read more -
Decoding your birth chart: the significance of the ascendant (lagna) and moon sign (rashi)
While Vedic astrology is based on sidereal astrolo...Read more -
What are the main components of a vedic astrology chart?
Welcome to the mystical world of Vedic astrology! ...Read more