खेल खेल में अंक विज्ञान के साथ दोस्त और दुश्मन की पहचान करें।
By Institute of Vedic Astrology Jan 17 2020 NUMEROLOGY
अंक विज्ञान क्या है -सभ्यता का पहला मापदंड अंक है, क्योंकि जीवन में जो कुछ भी घटित हुआ है, हो रहा है या होगा। उसे व्यक्त करने के लिए भाषा के बाद हमें अंको का ही सहारा लेना पड़ेगा। किसी भी परिणाम का प्रारंभ और अंत अंक ही है। यद्धपि यह निश्चित है, कि अंक विज्ञान विश्व का सर्वाधिक प्राचीन व उन्नत विज्ञान है, पर आज के युग में जिस गति से मानव के निकट आया है। उसे ध्यान में रखते हुए यह कहा जा सकता है, कि अंक ही आज के मानव का सर्वाधिक विश्वस्त मित्र है। उसका सहचर है, सुख-दुख का संभागीय सहायक है, पथ प्रदर्शक है और पूर्णता सक्षम है। आप भले ही इसे छोड़ दें पर यह आपके निकट है। आपके जीवन का प्रत्येक क्षेत्र अंक शास्त्र से बंधा है। इसके द्वारा आप यह जान सकते हैं, कि आज का दिन आपके लिए कैसा है या अगला सप्ताह क्या होने वाला है और आपको क्या करना चाहिए। हमारा पूरा जीवन ही अंको का जीवन है, उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति की जो जन्म तारीख होती है। वह जन्म तारीख उसे बहुत प्रिय होती है। वह उसके जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बन जाती है, साथ ही उसके परिवार वालों के लिए भी वह बड़ी महत्वपूर्ण हो जाती है और वह तारीख व्यक्ति के जीवन में उत्साह का अनुभव देती है। इसलिए हम यह सब याद रखते हैं, कि हमारी शादी कब हुई, हमारी नौकरी कब लगी, हमारी पढ़ाई कब पूरी हुई या हमारे घर में कौन सा शुभ कार्य किस तारीख को हुआ था।
अंक विज्ञान में अंकों के प्रकार - अंक विज्ञान में अंक कई तरह के होते हैं, जैसे मूलांक, भाग्यांक, नामाक्षर, व्यक्तिगत अंक आदि इन सभी के द्वारा आप अंक ज्योतिष में अलग-अलग तरह की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और सभी अंक आपको भविष्य की ओर इंगित करते हैं और नई योजनाएं बनाने में सहायक होते हैं। व्यक्तिगत अंक द्वारा आप अपने मित्र और अपने शत्रु को बड़ी आसानी से पहचान सकते हैं। तो हम देखते हैं, कि व्यक्तिगत अंक क्या होते हैं।
व्यक्तिगत अंक - व्यक्तिगत अंक व्यक्ति के अपने अंक होते हैं, जिन्हें उन्हें अपने नामाक्षर के अंकों को जोड़कर स्पष्ट कर लेना चाहिए। अंग्रेजी के प्रत्येक अक्षर के लिए व्यक्तिगत अंक होते हैं। यह क्रम से 1 से 9 तक होते हैं फिर अगले अंक के लिए फिर एक अंक आ जाता है। उदाहरण के लिए A अंक 1 होगा, B का अंक 2 होगा, इस तरह क्रम से चलने पर J का अंक फिर 1 आ जाएगा, क्योंकि यह क्रम में दसवां अल्फाबेट है। इस प्रकार हर अक्षर के लिए हर अंक तय है।
अपने नाम के साथ प्रयोग करें - अल्फाबेट्स के साथ जो अंक तय होते हैं। उन अंकों के आधार पर आप अपने नाम में आने वाले अल्फाबेट्स के अनुसार सभी अंक लिख ले, इसका अर्थ यह हुआ कि आप अपने या किसी भी व्यक्ति के व्यक्तिगत अंक ज्ञात करने के लिए व्यक्ति के नाम के सभी अक्षरों को अंको में बदले और फिर उन्हें जोड़ ले। उदाहरण के लिए यदि आपका नाम अनिल है, तो आप के अक्षरों के हिसाब से अंक होंगे A का , N का 5, I का 9 और L का 3 जोड़ने पर कुल 17 हुआ और उसका भी अंक 8 बनेगा इस तरह अनिल का व्यक्तिगत अंक 8 हुआ।
अपने मित्र या शत्रु को पहचाने - जिसके भी बारे में आपको पता करना है कि वह मित्र है या आप का शत्रु है या वह न तो मित्र है ना तो शत्रु है, तो उसके भी नाम के आप अक्षरों के अनुसार अंक बना ले। उन अंकों को जोड़कर उसका भी व्यक्तिगत अंक आपके पास आ जाएगा। आपका भी व्यक्तिगत अंक आपके पास है और सामने वाले व्यक्ति का भी व्यक्तिगत अंक आपके पास है। अब यह देख लीजिए कि क्या वे दोनों अंक एक है या अलग हैं। यदि वे अंक एक ही आते हैं तब तो वह व्यक्ति आपका मित्र होगा, हितेषी होगा परंतु यदि वह अंक अलग आता है, तो फिर यह देखना पड़ेगा कि क्या वह अंक आपके अंक से मित्रता रखता है या शत्रुता रखता है। इस तरह अंको की मित्रता और शत्रुता के अनुसार यह पता चल जाएगा कि सामने वाला व्यक्ति आपसे अच्छा भाव रखेगा या शत्रुता का भाव रखेगा। उसी के अनुसार आप उससे अपना व्यवहार तय कर सकते हैं और भविष्य की योजना बना सकते हैं।
आप यदि इन संख्यो के बारे में विस्तार से जानना चाहते है या अंक शास्त्र में ज्ञान आर्जित करना चाहते है, तो आप नुमेरोलोजी में हमारे सर्वश्रेठ संसथान इंस्टिट्यूट ऑफ़ वैदिक एस्ट्रोलॉजी से पत्राचार द्वारा कोर्स कर सकते है।
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