सूर्य की विशेषताएं, कृष्णा मूर्ति पद्धति के अनुसार
By Aashish Patidar May 22 2020 KPastrology
हमारी हिन्दू मान्यतायों के अनुसार सूर्य को हमने पिता का स्थान दिया है, वही सभी ग्रहों में सूर्य को सबसे बलशाली भी माना है। सूर्य जीवन शक्ति की धुरी है। यदि सूर्य है तो जीवन है। इन्ही के साथ सूर्य को सभी ग्रहों के बीच राजा का स्थान भी प्राप्त है। सूर्य अग्नि तत्व तथा आत्मा कारक ग्रह है। यह चित्त प्रधान, पुरुष एवं पूर्व दिशा को सूचित करता है। यह समस्त ग्रहों में सबसे बलवान ग्रह माना गया है, क्योंकि यह सभी ग्रहों का चालक है तथा इससे ही सब ग्रहों को तेज मिलता है। इसके प्रभावाधीन जातक उदार, सद्कर्मों की कामना करने वाला, अधिकार वाला, गरीबों पर दया करने वाला एवं परोपकारी होता है। सूर्य ग्रह का स्वभाव कठोर तथा क्रूर भी माना जाता है। यह शरीर में भी ऊर्जा का खास रूप से निर्माण करता है, और विभिन्न रोगों से लड़ने की शक्ति व्यक्ति को प्रदान करता है।
यहां हम बात करेंगे सूर्य ग्रह की और उससे संबंधित कुछ विशेषताओं की जोकि कृष्णमूर्ति पद्धति के अंतर्गत देखी जाती है।
सूर्य को नैतिक नियमों व शक्ति से हर चीज का पालन करने वाला कहा जाता है। सूर्य के अंदर सही नेतृत्व करने की क्षमता भी देखी गई है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य प्रबल होता है इसका मतलब यह है कि कोई भी व्यक्ति जो सूर्य से प्रभावित होता है वह बहुत जल्दी नाराज भी हो जाता है लेकिन जल्द ही वह लोगों को अपनी गलतियों के लिए माफ भी कर देता है। इस प्रकार के लोग हमेशा अपने कार्य में पूरी लगन और ईमानदारी का परिचय देते है। ऐसे व्यक्तियों में अनुशासन सामान्य रूप से पाया जाता है। इसी के साथ ऐसे व्यक्ति खुशमिजाज स्वभाव के होते हैं। ऐसे तो सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना गया है, इसीलिए जो व्यक्ति सूर्य से प्रभावित होता है वह अपने जीवन में उच्च पद हासिल करने की इच्छा सदैव रखता है। यदि सूर्य पर अशुभ प्रभाव हो तो व्यक्ति अपनी सूझबूझ होकर अपने अधिकारों का दुरुपयोग करना भी शुरू कर सकता है।
यदि हम बात करें सूर्य से संबंधित बीमारियों व रोगों की तो हमें यह पता चलेगा की सूर्य से संबंधित वह प्रभावित लोगों को अक्सर दिल से संबंधित बीमारियां होने का खतरा रहता है। इसी के साथ इन्हें गर्मी एवं जिगर से संबंधित रोग, दांत और दाएं आंख की प्रणाली से जुड़े रोग भी हो सकते हैं। ऐसे व्यक्तियों को उच्च रक्तचाप यानी हाइट ब्लड प्रेशर की समस्या भी हो सकती है। सूर्य से संबंधित रोगों का प्रभाव सिर तथा मुख तक होता है। ब्लड प्रेशर की समस्या तब उत्पन्न होती है, जब सूर्य छठे भाव स्थित हो और बुध 12वे भाव अशुभ सूर्य से प्रभावित व्यक्तियों को मानसिक तनाव व मानसिक परेशानियां बढ़ने की आशंका रहती है, जिससे उन्हें मस्तक से संबंधित रोग जैसे पागलपन या विचित्र मानसिकता पाई जाती है। इसी के साथ ऐसे व्यक्तियों को रीढ़ की हड्डी में कष्ट होने की समस्या भी बनी रहती है।
जब सूर्य अशुभ हो तब जीवन शक्ति क्षीण होते चली जाती है, नजर कमजोर खासकर के दाएं आंख कमजोर होने लगती है। यदि आप ने अपने घर में गाय या भैंस पाल रखी हो तो या तो घर से चली जाती हैं या मर जाती है, यह सूर्य के अशुभ होने के संकेत होते हैं।
सूर्य से प्रभावित व्यक्ति के घर की बात करें तो यह देखा जाता है, कि यदि सूर्य बलवान है तो मकान की हालत बढ़िया होगी एवं पैतृक मकान किसी विशेष हिस्से गलियां सेक्टर में होगा। जिस भाव में सूर्य स्थित होगा। इस दिशा के कमरे में प्रकाश, धूप अवश्य आती होगी। सूर्य से संबंधित स्थानों में शिव जी का मंदिर, सरकारी इमारतें, दफ्तर, अस्पताल, चिड़ियाघर एवं दवा की दुकानों को शामिल करा गया है। वही पक्षियों में हंस को सूर्य के अधिकार में माना गया है।
सूर्य से संबंधित क्षेत्र में ही व्यक्ति को अपने कार्य में सफलता हासिल हो सकती है, और वह काफी ऊंचाइयों को छू सकता है। जैसे कि सूर्य उच्च ग्रहों में माना जाता है उसी प्रकार शुभ सूर्य से प्रभावित लोग हमेशा ऊंचे पद को अपने कार्य क्षेत्र में हासिल करते हैं जैसे अच्छी सरकारी नौकरी या उच्च स्तर का कारोबार इत्यादि।
यह तक की कुछ बातें जो कृष्णमूर्ति पद्धति के अनुसार सूर्य की विशेषताओं को दर्शाती है। यदि आपको इन्हें और गहराई से जानना है, तो आप भी इंस्टिट्यूट ऑफ़ वैदिक एस्ट्रोलॉजी के साथ कृष्णमूर्ति पद्धति ज्योतिष सीख इन बातों की जानकारी पत्राचार पाठ्यक्रम के जरिए ले सकते हैं।
Search
Recent Post
-
Discover the best professional astrology course at the institute of vedic astrology (iva)
Astrology is an ancient and profound science that ...Read more -
Unlock your potential with a certificate course in astrology from the institute of vedic astrology
Are you curious about astrology, Vastu, or numerol...Read more -
Discover the best institute to learn astrology in india: the institute of vedic astrology
Astrology has long been an ancient science that pr...Read more -
Vastu shastra for interior design: harmonizing your home for well-being and prosperity
Have you ever walked into a space and felt instant...Read more -
Which business suits me according to astrology?
Astrology is not just about reading daily horoscop...Read more